Wednesday, June 30, 2010

अर्जुन के नामों के अर्थ

अर्जुन के नामों के अर्थ




अनघः पापरहित, निष्पाप




कपिध्वजः जिसके ध्वज पर कपि माने हनुमान जी हैं वह




कुरुश्रेष्ठः कुरुकुल में उत्पन्न होने वालों में श्रेष्ठ




कुरुनन्दनः कुरुवंश के राजा के पुत्र




कुरुप्रवीरः कुरुकुल में जन्मे हुए पुरुषों में विशेष तेजस्वी




कौन्तेयः कुंती का पुत्र




गुडाकेशः निद्रा को जीतने वाला, निद्रा का स्वामी अथवा गुडाक माने शिव जिसके स्वामी हैं वह




धनंजयः दिग्विजय में सर्व राजाओं को जीतने वाला




धनुर्धरः धनुष को धारण करने वाला




परंतपः परम तपस्वी अथवा शत्रुओं को बहुत तपाने वाला




पार्थः पृथा माने कुंती का पुत्र




पुरुषव्याघ्रः पुरुषों में व्याघ्र जैसा




पुरुषर्षभः पुरुषों में ऋषभ माने श्रेष्ठ




पाण्डवः पाण्डु का पुत्र




भरतश्रेष्ठः भरत के वंशजों में श्रेष्ठ




भरतसत्तमः भरतवंशियों में श्रेष्ठ




भरतर्षभः भरतवंशियों में श्रेष्ठ




भारतः भा माने ब्रह्मविद्या में अति प्रेमवाला अथवा भरत का वंशज




महाबाहुः बड़े हाथों वाला




सव्यसाचिन् बायें हाथ से भी सरसन्धान करने वाला

गीता में श्रीकृष्ण भगवान के नामों के अर्थ

गीता में श्रीकृष्ण भगवान के नामों के अर्थ




अनन्तरूपः जिनके अनन्त रूप हैं वह




अच्युतः जिनका कभी क्षय नहीं होता, कभी अधोगति नहीं होती वह




अरिसूदनः प्रयत्न के बिना ही शत्रु का नाश करने वाले




कृष्णः 'कृष्' सत्तावाचक है
'ण' आनन्दवाचक है
इन दोनों के एकत्व का सूचक परब्रह्म भी कृष्ण कहलाता है




केशवः क माने ब्रह्म को और ईश – शिव को वश में रखने वाले




केशिनिषूदनः घोड़े का आकार वाले केशि नामक दैत्य का नाश करने वाले




कमलपत्राक्षः कमल के पत्ते जैसी सुन्दर विशाल आँखों वाले




गोविन्दः गो माने वेदान्त वाक्यों के द्वारा जो जाने जा सकते हैं




जगत्पतिः जगत के पति




जगन्निवासः जिनमें जगत का निवास है अथवा जो जगत में सर्वत्र बसे हुए है




जनार्दनः दुष्ट जनों को, भक्तों के शत्रुओं को पीड़ित करने वाले




देवदेवः देवताओं के पूज्य




देववरः देवताओं में श्रेष्ठ




पुरुषोत्तमः क्षर और अक्षर दोनों पुरुषों से उत्तम अथवा शरीररूपी पुरों में रहने वाले पुरुषों यानी जीवों से जो अति उत्तम, परे और विलक्षण हैं वह




भगवानः ऐश्वर्य, धर्म, यश, लक्ष्मी, वैराग्य और मोक्ष... ये छः पदार्थ देने वाले अथवा सर्व भूतों की उत्पत्ति, प्रलय, जन्म, मरण तथा विद्या और अविद्या को जानने वाले




भूतभावनः सर्वभूतों को उत्पन्न करने वाले




भूतेशः भूतों के ईश्वर, पति




मधुसूदनः मधु नामक दैत्य को मारने वाले




महाबाहूः निग्रह और अनुग्रह करने में जिनके हाथ समर्थ हैं वह




माधवः माया के, लक्ष्मी के पति




यादवः यदुकुल में जन्मे हुए




योगवित्तमः योग जानने वालों में श्रेष्ठ




वासुदेवः वासुदेव के पुत्र




वार्ष्णेयः वृष्णि के ईश, स्वामी




हरिः संसाररूपी दुःख हरने वाले